एक कठिन समय की शुरूआत हुई थी 1757 में, हार गया सिराज-उद-दौलह, जो युद्ध हुआ पलासी में। एक कठिन समय की शुरूआत हुई थी 1757 में, हार गया सिराज-उद-दौलह, जो युद्ध हुआ पल...
सज़दे करूँ मैं सौ-सौ बारों, मेरा इसके बिना संसार कहाँ ? सज़दे करूँ मैं सौ-सौ बारों, मेरा इसके बिना संसार कहाँ ?
सौ सौ बार बिखरी हूँ मै सौ सौ बार निखरूंगी मैं एक दरवाज़ा बन्द करोगे तो…......... सौ सौ बार बिखरी हूँ मै सौ सौ बार निखरूंगी मैं एक दरवाज़ा बन्द करोगे तो…..........
ऐसा उस दिन लगा था मन को नहींं हो पायेगा यहाँ रहना मेरा। ऐसा उस दिन लगा था मन को नहींं हो पायेगा यहाँ रहना मेरा।
फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर। फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर।
दो बूँद दो बूँद